'वन्देमातरम् गीत' को सभी सरकारी आयोजनों में अनिवार्य किया जाना चाहिए-अनुज हनुमत

मानिकपुर/  चित्रकूट 
मानिकपुर विकास मोर्चा के तत्वाधान में वंदेमातरम् गीत के रचयिता पं. बंकिमचंद्र चटर्जी  जी के जन्मदिवस के सुअवसर पर उनके उल्लेखनीय योगदानों पर चर्चा हेतु विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की शुरुआत बंकिम जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई । इसके बाद नगर से आये हुये सम्मानित बंधुओ ने बारी बारी से अपनी बातें कहीं । मानिकपुर विकास मोर्चा के  अनुज हनुमत द्विवेदी ने इस मौके पर आह्वाहन किया की इस राष्ट्रिय गीत को सभी सरकारी आयोजनों में अनिवार्य किया जाना चाहिए और इस गीत को जन जन तक लोकप्रिय करने हेतु समाज के सभी वर्गों को आगे आना होगा । महापुरुषों को याद करते हुए सुनील नवोदित ने बंकिम जी को याद करते हुए उन्हें अपनी कविता समर्पित की - "पत्रकार साहित्यकार हे राष्ट्रगीत लिखने वाले, देश एक था देश एक है एक रहेगा चमन सुनो।"
भाजपा के पुरुषोंत्तम दास अग्रहरि ने  कहां यह गान जन जन की आवाज बन गया ।मोर्चा के सदस्य सच्चिदानंद द्विवेदी ने कहा की ऐसे आयोजनों से राष्ट्रभक्ति जीवित हो जाती है । युवा समाजसेवी बरुण गौतम ने बताया की किसी भी आंदोलन की सफलता में शब्दों ,गीतों और नारों का अपना अहम् योगदान होता है उसी का जीता जगता उदाहरण है हमारा वंदेमातरम् गीत ।  जिनमे वक्ता के रूप में मुख्य रूप से दयाशंकर केशरवानी, राजेश पाण्डेय,  सहित सभी ने बंकिम चंद्र जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा क़ि उनके द्वारा रचित वंदेमातरम् गीत ही है जिसने आज भी पूरे देश को एकता के सूत्र में बाँधा  रखा है ।
इस मौके पर शेषमणि गुप्ता सदुल अग्रहरी ,द्वारिका प्रसाद,राकेश कुमार,गंगा केशरवानी,प्रदीप,सूरज कुमार,नवीन ,सनी कुमार,पप्पू तिवारी  राकेश कुमार  आदि रहे ।

रिपोर्ट-
अनुज हनुमत सत्यार्थी

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