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Showing posts from June, 2016

'वन्देमातरम् गीत' को सभी सरकारी आयोजनों में अनिवार्य किया जाना चाहिए-अनुज हनुमत

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मानिकपुर/  चित्रकूट  मानिकपुर विकास मोर्चा के तत्वाधान में वंदेमातरम् गीत के रचयिता पं. बंकिमचंद्र चटर्जी  जी के जन्मदिवस के सुअवसर पर उनके उल्लेखनीय योगदानों पर चर्चा हेतु विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की शुरुआत बंकिम जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई । इसके बाद नगर से आये हुये सम्मानित बंधुओ ने बारी बारी से अपनी बातें कहीं । मानिकपुर विकास मोर्चा के  अनुज हनुमत द्विवेदी ने इस मौके पर आह्वाहन किया की इस राष्ट्रिय गीत को सभी सरकारी आयोजनों में अनिवार्य किया जाना चाहिए और इस गीत को जन जन तक लोकप्रिय करने हेतु समाज के सभी वर्गों को आगे आना होगा । महापुरुषों को याद करते हुए सुनील नवोदित ने बंकिम जी को याद करते हुए उन्हें अपनी कविता समर्पित की - "पत्रकार साहित्यकार हे राष्ट्रगीत लिखने वाले, देश एक था देश एक है एक रहेगा चमन सुनो।" भाजपा के पुरुषोंत्तम दास अग्रहरि ने  कहां यह गान जन जन की आवाज बन गया ।मोर्चा के सदस्य सच्चिदानंद द्विवेदी ने कहा की ऐसे आयोजनों से राष्ट्रभक्ति जीवित हो जाती है । युवा समाजसेवी बरुण गौतम ने बताया की किसी भी आंदोलन की सफलता में शब्दों ,गीत

26 जून/जन्मदिवस: "वंदेमातरम् गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय"

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  भारत माता का ऐसा वीर सपूत जिसके लिखे एक गीत ने पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया । जी हाँ ! हम बात कर रहे हैं बंगला के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' की रचना की । जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म २6 जून सन् १८३८ को उत्तरी चौबीस परगना के कन्थलपाड़ा में एक परंपरागत और समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था।

गुलबर्ग सोसायटी कांड पर 14 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 11 दोषियों को उम्रकैद

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  अहमदाबाद।देश के सबसे चर्चित केसों में से एक गुलबर्ग सोसायटी केस में अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि 12 अन्य को 7-7 साल की कैद हुई है। एक अन्य आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। आप को बता दें की गोधरा कांड के बाद हुए इस हत्याकांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी और 27 फरवरी 2002 में गोधरा कांड के बाद उत्तेजित लोगों ने गुलबर्ग सोसायटी में तबाही मचाई थी, जिसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 69 लोगों की जान चली गयी थी। अहमदाबाद शहर में हुए दंगे के बाद दंगाइयों ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला बोल दिया था, जहां कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी अपने परिवार के साथ रहा करते थे। उनतालीस लोगों के तो शव मिले भी, लेकिन बाकी तीस के शव तक नहीं मिले, जिन्हें सात साल बाद कानूनी परिभाषा के तहत मरा हुआ मान लिया गया। दिवंगत एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इससे न तो संतुष्ट हैं और न ही खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने वकीलों से दोबारा बात करूंगी। यह इंसाफ नहीं है। इतने लोगों की मौत के बा

यूपी में शीला दीक्षित पर दांव खेल सकती है कांग्रेस

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   यूपी में अगले विधानसभा चुनाव का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है सभी पार्टियों की मुश्किलें उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही हैं । असल में सपा और बसपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के चेहरे पहले से ही स्पस्ट है लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक सूबे में अपना सियासी चेहरा नही चुना है । यूपी में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस में सीयम पद के उम्मीदवार के तौर पर कई नाम सामने आते रहे हैं । अब इस दफे एक बार फिर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित नाम सामने आ रहा है । गुरूवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शीला दीक्षित के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं । कांग्रेस यूपी में अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करने के लिए हर दांव आजमाना चाहती है । इसी के तहत पार्टी आलाकमान ने नए प्रदेश प्रभारी के रूप में गुलाब नबी आजाद को चुना ।अभी हाल ही में आजाद ने कहा था की कांग्रेस यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने चेहरे के साथ मैदान में उतरेगी । उनके इस बयान के बाद से ही ये कयास लगाये जा रहे हैं की आखिर कौन होगा यूपी में कांग्रेस का सियासी चेहरा जो पार्टी को जीत दिला सके !  कांग्रेस की तरफ से पहले

परिवर्तन रैली: सम्प्रदायवाद व जातिवाद से निजात पाने के लिए करना होगा यूपी में विकास यज्ञ -नरेंद्र मोदी

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  इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगमनगरी से यूपी में होने वाले चुनाव के लिए शंखनाद कर दिया है। यहां रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में गुंडागर्दी चरम पर है। यहां संप्रदायवाद और जातिवाद है। इससे निजात पाने के लिए लोगों को विकास का यज्ञ करना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में मायावती और मुलायम सिंह में सत्ता की मिलीभगत है। यूपी में 5-5 साल की लूट की ठेकेदारी चल रही है।  मोदी ने कहा कि अगर हमने अपने निजी फायदे के लिए जरा भी आपका अहित किया तो हमें सत्ता से लात मारकर बाहर कर देना। मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को अभूतपूर्व समर्थन मिला। मुसीबत के वक्त यूपी ही देश को बचाने आया। केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश में दबदबा है। उन्होंने कहा कि आज ये मंच देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी केंद्र सरकार के लिए कितना अहम है। मोदी ने विकास पर जोर देते हुए कहा कि हर मुसीबत का यही उपाय है। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी से सपा सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में भी यूपी का दबदबा है। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को म

देश में कोई खेल राष्ट्रीय खेल नहीं, हॉकी पर आमराय बनाने की मांग उठी

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नयी दिल्ली, 12 जून अगर आप हाँकी को राष्ट्रिय खेल के रूप में जानते हैं तो आपको यह जानकर हैरानी होगी की हाँकी देश का राष्ट्रिय खेल नही है ।यह हम नही कह रहे बल्कि भारत सरकार का कहना है कि उसने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है । खेल जगत के कई दिग्गजों ने मांग की है कि आम राय बनाकर हॉकी राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया जाए । हाल ही में एक आरटीआई के तहत युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार , ‘‘ इस मंत्रालय ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है। ’’ कई खिलाडियों का मानना है की आधिकारिक दर्जा मायने नहीं रखता ,देश के लिए खेलना ज्यादा मायने रखता  । ज्यादातर खिलाडियों ने हाँकी को ही राष्ट्रिय खेल घोषित करने की मांग की है जिसमें पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन चौहान ने भी हाकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिये जाने पर सहमति जताते हुए कहा ,‘‘ हाकी ने सबसे अधिक ओलंपिक पदक दिलाये हैं । मेजर ध्यानचंद ने भारत का गौरव बढाया है लिहाजा हाकी ही हकदार है । अगर इस पर सहमति नहीं बनती है तो कबड्डी को लेकिन कोशिश होनी चाहिये कि हाकी पर ही सहमति बन जाये ।’’ रिपोर्ट : ✍अनु

कर्ज और भूख से आत्महत्या कर रहे किसान बनाम भाजपा का चुनावी आत्मचिंतन

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संगम नगरी इलाहाबाद में 12 और 13 को भाजपा की राष्ट्रिय कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमे पूरे देश से तमाम बड़े भाजपा नेताओं का जमावड़ा लगेगा और सबसे ख़ास बात यह  है  की इसमें प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी भी शिरकत करेंगे । इस बाबत पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा चुका  है,  जिसमें हजारो करोड़ रूपये फूंके जा चुके हैं । शहर के सारे होटल बुक हो चुके हैं । लाखो-करोड़ों के पोस्टर भी नेताओं ने लगा रखे हैं । भाजपा की इस राष्ट्रिय कार्यकारिणी की बैठक में अगामी चुनावों के लिए पार्टी नई रणनीति तय करेगी ।  लेकिन उन सूखे की मार झेल रहे किसानों का क्या होगा जिन्हें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से आस है । बुन्देलखण्ड का सूखा इलाका इलाहाबाद से महज 100 किमी की दूरी से शुरू हो जाता है ऐसे में जब किसानों को ये पता चल रहा है की भाजपा अपने इस कार्यक्रम में हजारों करोड़ रूपये फूंक रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शिरकत करने आ रहे हैं तो उनमे इस बात को लेकर निराशा के साथ साथ गुस्सा भी पनप रहा है की आखिर इतना बड़ा आयोजन और उसमें खर्च किया जा रहा है बेफिजूल धन कहाँ तक जायज है ?  प्रदेश की अखिले

यहाँ के लोग भगवान की प्रतिमाएँ रखकर रोकते हैं गंदगी ।

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 इस समय पूरे देश में स्वच्छता अभियान बहुत तेजी से चल रहा है और लोगो के अंदर इसे लेकर जागरूकता भी बढ़ी है पर अभी भी ज्यादातर लोग इसे अपना नैतिक दायित्व मानने से कोसों दूर हैं । लेकिन भारत में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहाँ स्वच्छता को लेकर आम जनमानस में नैतिक कर्तव्यबोध तो है ही दूसरा इन्होंने एक ऐसा नायब तरीका भी खोजा है जिससे इन्हें गंदगी को रोकने में बहुत ज्यादा सफलता भी मिली है । उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के एक छोटे से रेस्टोरेंट में ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली जिसे देखकर आप भी प्रभावित हुए बिना नही रह पाएंगे । यहाँ अधिकांश दुकानों ,सरकारी भवनों , ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाकों आदि स्थानों में लोगो ने गंदगी रोकने के लिए भगवान् की प्रतिमाएँ व् मूर्तियां स्थापित कर रखी हैं जिसके बाद उस स्थान पर गंदगी रोकने में बहुत सफलता मिली है । उडीसा राज्य में देवी देवताओं के प्रति आम जनमानस की जबरदस्त आस्था है ऐसे में इन्ही देवी देवताओं की मूर्तियों व् प्रतिमायों का प्रयोग गंदगी रोकने में किया जा रहा है । भुवनेश्वर से कुछ ही किमी पहले प्रमोद पटनायक एक छोटा सा रेस्टोरेंट चलाते हैं और इनका कहना है की हम

पाठावासियों के स्वास्थ्य के साथ लगातार हो रहा है खिलवाड़ ,प्रशासन सुस्त !

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विषय - मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 24×7  डॉक्टर उपलब्ध न होने के सम्बन्ध में आज अधीक्षक महोदय को नगरवासियों ने सौंपा ज्ञापन                                     दिनांक. 01/06/2016 मानिकपुर।  पाठा की धरती का कोई भी मरीज जब अस्वस्थ होता है तो वह सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर ही आता है क्योंकि मानिकपुर में कोई भी प्राइवेट एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नही है । जब भी कोई गरीब मरीज सा. स्वा. केंद्र मानिकपुर में आता है तो उसे अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी कोई डॉक्टर नही मिलते हैं । डॉक्टर हमेशा कमरे में मिलते हैं और बुलाने या फोन लगाने पर ही आते हैं ।बुलाने की इस प्रक्रिया में पंद्रह से बीस मिनट लग जाते हैं, इस कारण मरीजो की जान पर बन आती है । ये मरीजों की जिंदगी के साथ सरासर अन्याय है । आज इसी उक्त समस्या को लेकर आधा दर्जन नगरवासी बरुण गौतम और अनुज हनुमत के नेतृत्व में अस्पताल पहुंचे और समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर के अधीक्षक महोदय को इस समस्या के बाबत ज्ञापन सौंपा । जवाब में अधीक्षक महोदय ने कहा की इस समय हमे अस्पताल में कुल 27 डॉक्टरों की जरूरत है पर इस