गुलबर्ग सोसायटी कांड पर 14 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 11 दोषियों को उम्रकैद


  अहमदाबाद।देश के सबसे चर्चित केसों में से एक गुलबर्ग सोसायटी केस में अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि 12 अन्य को 7-7 साल की कैद हुई है। एक अन्य आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

आप को बता दें की गोधरा कांड के बाद हुए इस हत्याकांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी और 27 फरवरी 2002 में गोधरा कांड के बाद उत्तेजित लोगों ने गुलबर्ग सोसायटी में तबाही मचाई थी, जिसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 69 लोगों की जान चली गयी थी। अहमदाबाद शहर में हुए दंगे के बाद दंगाइयों ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला बोल दिया था, जहां कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी अपने परिवार के साथ रहा करते थे।

उनतालीस लोगों के तो शव मिले भी, लेकिन बाकी तीस के शव तक नहीं मिले, जिन्हें सात साल बाद कानूनी परिभाषा के तहत मरा हुआ मान लिया गया।

दिवंगत एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इससे न तो संतुष्ट हैं और न ही खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने वकीलों से दोबारा बात करूंगी। यह इंसाफ नहीं है। इतने लोगों की मौत के बाद, क्या यही वो सब है जिसे कोर्ट ने तय किया?

गुलबर्ग सोसायटी पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने फैसले का स्वागत तो किया लेकिन कहा कि वह कम सजा दिए जाने से निराश हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें उम्रकैद नहीं हुई है उनके लिए दोबारा अपील करेंगी

वहीं फैसला आते ही एक दोषी की बहन ने कोर्ट के बाहर बिलखते हुए अपने भाई को बेगुनाह बताया और कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी। कोर्ट के बाहर दोषियों के परिजनों ने भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

फैसला आते ही राजनीतिक गलियारों में भी प्रतिक्रियायों का दौर शुरू हो गया है ।  लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह हर छोटे बड़े मामले में हस्तक्षेप करती है और इसी का असर है कि इस केस में बड़ी मछलियों को नहीं पकड़ा गया। उन्होंने इसे साजिश बताते हुए कहा कि दिखावे के लिए 2-4 लोगों को पकड़कर दिखाया जा रहा है, जनता माफ नहीं करेगी। वही सांसद असासुद्दीन ओवेशी ने ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी ।उन्होंने लिखा -
"If Gulberg massacre is darkest day in history of Civil society then Capital punishment must be given to Accused ,mere Life or 10 not enough."
— Asaduddin Owaisi

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