2016 के वेलकम से पहले इन 'खास' लोगों से मिलिए…
समय कभी नही ठहरता, बल्कि हमेशा गतिशील रहता है और इसी कारण इसके बीतते एक-एक लम्हे के साथ हमारा जीवन भी मुट्ठी में भरी रेत की तरह फिसलता जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो वक्त के साथ बदलते चले जाते हैं, मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो वक्त को अपने कर्मों से बदल देते हैं, इतिहास की धारा को नया मोड़ देते हैं, जो लोग इतिहास को बदलने की क्षमता रखते हैं, इतिहास उन्हें ही याद रखता है। अब जबकि वर्ष 2015 हमसे विदा ले रहा है हम कुछ ऐसी ही हस्तियों को याद कर रहे हैं, जिन्होंने वक्त की रेत पर अपने कदमों की दमदार छाप छोड़ी है, जिन्हें याद किए बिना हमारा नये वर्ष में प्रवेश कुछ अधूरा सा लगेगा, इसलिए आइए एक झलक डाले उन महान व्यक्तित्वों पर, जिन्होंने इस बीते हुए साल में अपनी दमदार उपस्थिति से सबके दिलो दिमाग में अपनी जगह बनाई।
अटल बिहारी बाजपेयी - भारतीय राजनीति के सबसे सफल और सबके प्रिय (विपक्षियो के भी) नेता अटल बिहारी वाजपेयी को इस वर्ष देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान किया गया। वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे, और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक थे। उन्होंने ही देश इंडिया शाइनिंग का सपना दिखाया था और आज भी वह बहुतों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वाजपेयी न सिर्फ राजनीति के शिखर पर पहुंचे, बल्कि अपनी वाकपटुता से विरोधियों को भी मुरीद बनाया।
भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री और विश्व के जाने माने अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2008 में राज्यसभा में अपने एक भाषण के दौरान कहा था की " अटल विहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह हैं।"
यकीनन एक कुशल राजनेता, प्रशासक, कूटनीतिज्ञ, प्रखर वक्ता एवम् ओजस्वी कवि के रूप में उनका सम्मानित स्थान है। 1957 में बलरामपुर से चुनाव जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे और फिर अगले पांच दशको तक राजनीति में जमे रहे। संयुक्त राष्ट्र महासभा को उन्होंने पहली बार हिंदी में संबोधित किया था। वर्ष 1996 से लेकर 2004 तक वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। अटल जी के उत्तराधिकारी के रूप में तत्कालीन प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने पुनः भाजपा को केंद्र की सत्ता में स्थापित किया।
ताक़तवर नेता पुतिन- सीरिया मुद्दे पर अमेरिकी कूटनीति की हवा निकालने वाले रूसी राष्ट्रपति इस वर्ष विभिन्न कारणों से सुर्ख़ियो में रहे। फ़ोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें वर्ष का सबसे ताकतवर राजनेता बताते हुए लिखा की,"पुतिन ने रूस पर अपना नियंत्रण और मजबूत किया है। सीरिया में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने की रिपोर्टो के बाद अमेरिका ने दमिश्क पर हमले की तैयारी कर ली थी, पर मास्को ने ऐसा दवाब बनाया की अमेरिका को पीछे हटना पड़ा। पुतिन ने इस साल आईएस के खिलाफ जितनी मजबूती और तेजी के साथ लड़ाई की है उसने बगदादी के हौसले पस्त कर दिए।
प्रभावी नेतृत्व एंजेला मोर्कल- जर्मनी की चांसलर एंजला मोर्कल ने यूरोजोन के संकट, सीरिया के शरणार्थी संकट और यूक्रेन में रूसी हस्तक्षेप के दौरान अपने प्रभावी नेतृत्व के कारण इस वर्ष की सर्वाधिक चर्चित हस्ती बनने का तमगा हासिल किया। 'टाइम' मैगजीन ने भी उन्हें पर्सन ऑफ द ईयर चुना है। वर्ष 2005 में जर्मनी की पहली महिला चांसलर के रूप में सत्ता संभालने वाली मोर्कल निरन्तर अपनी पकड़ मजबूत करती गईं और 2007 में यूरोपीय संघ के दौरान मर्केल ने कड़े वित्तीय अनुशासन को अपनाया, तो आईएस के खिलाफ सैन्य अभियान में भी शामिल हुईं।
जोड़ी ने किया बिहार फतेह- 2015 की अंतिम विदाई वेला के नजदीक पहुंचते ही दिनों बाद देश को 'जय वीरू' की दमदार जोड़ी "लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार" के रूप में देखने को मिली, जिसने बिहार में अपनी जीत के ऐसे झंडे गाड़े, जिसने विरोधियों के हौसले पस्त कर दिए। इन्होंने देश में तेजी से चल रही मोदी लहर पर अपनी जीत से विराम लगा दिया।
इस जोड़ी ने इस बार विधानसभा चुनाव में ऐसा करिश्मा किया की विकास के तमाम वायदों और दावों के बावजूद भाजपा का जादू फ़ीका पड़ गया। दोनों बिहारी बंधुओं की महागठबन्धन की रणनीति इतनी कामयाब रही, कि लम्बे समय से राजनीतिक बनवास झेल रहे, लालू यादव की पार्टी न केवल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बल्कि नीतीश कुमार पांचवी बार राज्य के मुख्यमन्त्री बनने में सफल रहे।
इन दिनों की जोड़ी ने जंगलराज पार्ट 2 का नारा बुलन्द करने वाली भाजपा को बिहारी बनाम बाहरी के नारे से ऐसे पटखनी दी की महागठबन्धन को दो तिहाई से ज्यादा सीटें प्राप्त हुईं।
गूगल सर्च इंजन के नए सीईओ 'सुंदर' पिचाई- इस वर्ष गूगल खोज के नए सीईओ के तौर पर भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को नियुक्त किया गया। वर्ष 1972 तमिलनाडु में जन्में पिचाई आईआईटी खड़गपुर से मेटालर्जी में इंजीनियंरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद इंजीनियरिंग में एमएस करने अमेरिका के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय चले गए। वहीं उन्होंने एमबीए भी किया। उन्होंने वर्षो तक मैकेंजी कंपनी में काम किया। फिर वर्ष 2004 में गूगल कंपनी ज्वाइन की। उन्होंने जी-मेल और गूगल मैप एप्स तैयार किए जो रातों-रात लोकप्रिय हो गए। फिर उन्होंने गूगल के उत्पादों के लिए एंड्राइंड एप्प भी बनाया। गूगल के ब्राउजर क्रोम के पीछे भी इन्ही का दिमाग था।
नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति 'विद्या देवी'- नेपाल की संसद ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की उपाध्यक्ष विद्या देवी भंडारी को देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना है। नेपाल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब वहां पर राष्ट्रपति पद की कमान किसी महिला के हाथ में है। 54 साल की भण्डारी सीपीएन-यूएमएल की उपाध्यक्ष एवम् पार्टी के दिवंगत महासचिव मदन भण्डारी की पत्नी हैं। विद्या देवी ने रामबरन यादव की जगह ली है, जिन्हें नेपाल को गणराज्य घोषित किए जाने के बाद 2008 में पहला राष्ट्रपति चुना गया था।
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति 'सिरिसेना'- श्रीलंका में दस सालों से सत्ता में रहे महिंद्रा राजपक्षे को हराकर उनके शासन का अंत करके मैत्रीपाला सिरिसेना ने राष्ट्रपति की कुर्सी हासिल की। कभी महिंद्रा राजपक्षे के सहयोगी रहे सिरिसेना अब श्रीलंका के नए राष्ट्रपति हैं जिनका भारत के प्रति सकारात्मक रुख है। अपने पराजित प्रतिद्वंदी की तरह सिरिसेना भी कट्टर बौद्ध हैं। उनकी पृष्ठभूमि ग्रामीण है, वह अंग्रेजी नहीं बोलते और सार्वजनिक रूप से हमेशा ही श्रीलंका के राष्ट्रीय परिधान में नजर आते हैं।
साहित्य के लिए नोबल- बेलारूस की 76 वर्षीय लेखिका स्वेतलाना एलेक्सीविच को इस बार साहित्य का नोबल पुरूस्कार प्रदान किया गया। स्वीडिश एकेडमी ने कहा की स्वेतलाना को बहुआयामी, मानवीय त्रासदी से जुड़े और अपने समय के साहसिक लेखन के कारण नोबल पुरूस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने चश्मदीदों के हवाले से चेर्नोबिल आपदा और द्वितीय विश्वयुद्ध का मार्मिक पक्ष पेश किया।
आईएमएफ के नए निदेशक 'गोकर्ण'- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। आईएमएफ कार्यकारी निदेशालय में गोकर्ण भारत के अलावा बांग्लादेश,श्रीलंका एवम् भूटान का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके नाम को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उनकी नियुक्ति डॉ. राकेश मोहन के स्थान पर की गई है जिनका कार्यकाल नवम्बर में खत्म हुआ।
दीपिका पादुकोण की 'माई च्वाइस'- महिलाओं की जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर आवाज उठाते हुए अभिनेत्री दीपिका पादुकोण 'माई च्वाइस' नामक वीडियो में नजर आई, तो इंटरनेट पर धूम मच गई। वीडियो में दीपिका कहती हैं ,'मैं अपनी पसन्द के हिसाब से जिंदगी गुजारना चाहती हूं। जैसा चाहूं वैसे कपड़े पहन सकूं, मर्द से प्यार करूं या औरत से, यह मेरी मर्जी है। शादी से पहले सेक्स करूं, शादी के बाद या न करूं, यह मुझ पर निर्भर है। इस वीडियो ने एक नई बहस छेड़ दी।
चर्चा में बजरंगी 'भाईजान'- इस साल अभिनेता सलमान खान की फ़िल्में 'बजरंगी भाईजान' और 'प्रेम रतन धन पाओ' तो कमाई के मामले में आगे रही ही ,'हिट एन्ड रन केस' में बरी होने के कारण भी वह काफी चर्चा में रहे। 13 साल पुराने इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए, उन्हें सभी आरोपो से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा की सलमान खान के खिलाफ जो सबूत पेश किए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं है। उनके आधार पर उन्हें दोषी नही करार दिया जा सकता। सलमान ने ट्वीट करके परिवार, दोस्तों और प्रशसंको का शुक्रिया अदा किया। इस साल सलमान को उनके 50वें जन्मदिन पर इससे अच्छा उपहार नही मिल सकता था।
लम्बे समय तक 'रानी'- यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इस वर्ष 9 सितम्बर 2015 को अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लम्बे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़कर ब्रिटेन पर सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाली साम्राज्ञी बन गई। छह फरवरी 1952 को सत्ता संभालने वाली एलिजाबेथ द्वितीय विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी हैं।
पहली ट्रांसजेंडर प्रिंसिपल मानबी बन्दोपाध्य - सड़क पर आंदोलन के लिए उतरी निर्भया की मां आशा देवी, मुम्बई लोकल में कैंसर मरीजों के लिए गाकर पैसे जुटाने वाले सौरभ निम्बाकर और ऑल इंडिया चैम्पियनशिप में प्रवेश करने वाली साइना नेहवाल भी इस वर्ष चर्चित रही।
हिंदी के 'हैशटैग'- ट्विटर पर इस साल अंग्रेजी के सामने हिंदी ने अपनी जगह बनाई। अक्सर अंग्रेजी में ट्रेड करने वाले हैशटैग इस साल हिंदी में नजर आया। महाशिवरात्री के मौके पर ट्रेंड करता दिखा #हरहरमहादेव। यही नहीं विश्वकप में भारत और पकिस्तान के मैच के दौरान #जयहिंद खूब ट्रेंड में रहा। वहीं हिंदू-मुस्लिम सम्बन्धों पर छिड़ी बहस ने जन्म दिया #असहिष्णुता को। वैसे भी बीते कुछ सालों में सोशल मीडिया पर हिंदी का चलन बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। ट्विटर ने साल 2011 में यूजर्स की संख्या 10 करोड़ पहुंच जाने पर हिंदी इनपुट की व्यवस्था की थी।
51वां साहित्य अकादमी पुरूस्कार -साल के आखिरी सप्ताह में प्रसिद्ध गुजराती साहित्यकार रघुबीर चौधरी को 2015 का ज्ञानपीठ पुरूस्कार देने की घोषणा की गई। चौधरी की अमृता, सहवास, अन्तर्वास,वेणू वात्सल(उपन्यास) ,तमाशा और वृक्ष पतनमा(कविता संग्रह) उनकी प्रमुख रचनायो में शुमार हैं। इससे पहले उनकी कृति 'उप्रवास कथात्रयी' को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले वर्ष यह पुरस्कार मराठी साहित्यकार भलचंद्र नेमाडे को मिला था।
पीएम मोदी ने खेला साल 2015 का आखिरी मास्टर स्ट्रोक- वैसे तो ये पूरा साल प्रधानमन्त्री मोदी के नपा-तुला रहा, जिसमें पूरे साल उनकी विदेश यात्रा की ही ज्यादा धूम रही। इसी क्रम में पीएम मोदी रूस से लौटकर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे। यहां से सीधे उन्हें वापस नई दिल्ली आना था, पर बिना किसी पूर्व सूचना के उन्होंने अचानक ट्वीट करके जानकारी दी कि वे पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी को शादी की बधाई देने लाहौर जा रहे हैं।
लाहौर में उन्होंने नवाज शरीफ से मुलाकात की और शाम को वापस दिल्ली आ गए। इस पूरे घटनाक्रम ने समूचे विश्व की राजनीति में खलबली मचा दी और सभी ने प्रधानमंत्री मोदी के इस मजबूत निर्णय की जमकर तारीफ की। मोदी की अचानक लाहौर यात्रा ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से आशा की एक नई किरण जगा दी।
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