बॉलीवुड : बॉक्‍स ऑफिस से आए ये चौंकाने वाले आंकड़े, दिग्‍गज सितारे पसीना-पसीना

बॉलीवुड में कितने ही बड़े और सफल सितारे  रहे हों, उनकी असली परीक्षा बॉक्‍स ऑफिस पर ही होती है और वह भी फिल्‍मों में लगाई लागत से ज्‍यादा पैसा कमाने के रूप में । यदि करोड़ो खर्च किए और उतने भी नहीं निकले तो कितना ही बड़ा सितारा हो वह असफल ही कहा जाता है, और निर्माता फिर उस सितारे पर पैसा लगाने से पीछे हटते हैं।
साल 2015 ऐसी फिल्‍मों का रहा, जिसमें बहुत पैसे वाली फिल्‍मों ने जो कमाई की है वह लगभग घाटे का सौदा रही ,जबकि कम लागत में बनीं फिल्‍मों ने बंपर बिजनेस किया। कमाल है कि साल के अंत में फिल्‍मों के पैसे कमाने और बजट के हिसाब से बिजनेस करने की जो आंकड़े आए हैं, उसने दिग्‍गजों की नींद उड़ा दी है।
वैसे देखा जाए तो इस साल मनोरंजन की दुनिया में काफ़ी धूम-धड़ाका रहा। बॉलीवुड की कुछ नामी फ़िल्मों ने दर्शकों के दिलोदिमाग़ पर गहरी छाप छोड़ी। कुछ फ़िल्में बढ़िया अदाकारी और निर्देशन की वजह से कामयाब रहीं, तो कुछ अपनी स्क्रिप्ट और कहानी के 'प्लॉट' से जुड़े विवाद के ज़रिए। कहने को बॉलीवुड में इस साल 150 से भी अधिक फ़िल्‍में रिलीज हुईं, पर सफलता का स्वाद कुछ ही चख पाईं।  बॉलीवुड में इस साल बड़े बजट की भी कई फ़िल्में आई, जिन्होंने खूब कमाई की और कुछ ऐसी कम बजट की भी फ़िल्में रही, जिन्होंने अपनी मजबूत विषयवस्तु और शानदार प्रस्तुतीकरण से सबका दिल जीत लिया।
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बॉलीवुड में किसी भी फ़िल्म के सफल होने पर पार्टी या जश्न मनाना कोई बड़ी बात नहीं। लेकिन बॉलीवुड में ऐसी भी कई फ़िल्में होती हैं, जिनकी कामयाबी पर कोई जश्न नही होता। इन फिल्मों को देश विदेश में खूब वाहवाही मिलती है, मान सम्मान मिलता है, बावजूद इसके आमजन तक इनकी पहुंच कम ही होती है। बेहद कम बजट या कहिये एक कसे हुए बजट में बनने वाली ये फ़िल्में अब अच्छा पैसा भी कमा रही हैं।
साल 2015  कुछ बड़ी फ्लाप फिल्मों के लिए याद किया जायेगा। इस कड़ी में पहला नाम अनुराग कश्यप की 'बॉम्बे वेल्वेट' को। 100 करोड़ से ज्यादा के बजट में बनी इस फ़िल्म ने महज 23 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया। इसके अलावा आर बाल्की निर्देशित अमिताभ बच्चन-धनुष स्टार 'षमिताभ्' भी फ्लॉप रही। सुभाष कपूर की 'गुड्डू रंगीला' भी महज 8 करोड़ इकट्ठा कर फ्लॉप रही। असिन और अभिषेक बच्चन की 'ऑल इज वेल(18 करोड़), इमरान-कंगना की कट्टी बट्टी (25 करोड़), शहीद आल्या की शानदार' (42 करोड़) भी बड़ी फ्लॉप फिल्मों में शुमार रही।
साल 2015 में कई फिल्मकारों ने ऐसी फिल्मो का निर्माण किया, जिनका बजट तो कम था, लेकिन वे फ़िल्में अपनी विषय वस्तु के लिए लम्बे समय याद रखी जायेंगी। इन फिल्मों ने दर्शको का मनोरंजन भी किया और पैसा भी कमाया ।ऐसी फिल्मों को दो भागो में बांट कर देखा जाए तो बेहतर होगा। पहले भाग में वो फ़िल्में जो केवल अपने विषयवस्तु और प्रस्तुतिकरण की वजह से सराही गईं।
आइए नजर डालते हैं पहले कम बजट की फिल्‍मों पर जिसने बंपर बिजनेस किया।कम बजट की  मसाला फिल्में :  साल के दूसरे माह में आई फ़िल्म 'बदलापुर' ने बॉक्स ऑफीस पर 50 करोड़ रूपये भी अधिक का कारोबार किया ,जबकि इस फ़िल्म का बजट करीब 12 करोड़ रूपये ही था।  यशराज बैनर से आई फ़िल्म 'दमा लगा के हईशा' जिस्का बजट करीब 15 करोड़ रूपये था, इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफीस पर कुल 30 करोड़ से अधिक का कारोबार किया। मार्च में आई अनुष्का शर्मा के बैनर तले बनी फिल्म 'एनएच-10' (बजट करीब 13 करोड़ ) ने भी करीब-करीब 32 करोड़ रुपये का कारोबार करके अपनी कामयाबी का परचम लहराया।
बेहद कम बजट की अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित फ़िल्म 'हन्टर' ने तो 13 करोड़ का बिजिनेस करके सबको चौंका दिया। इस फ़िल्म की लागत मात्र 3-4 करोड़ ही थी। इसके बाद मई में आई फ़िल्म पीकू सुपरहिट रही और इस फ़िल्म ने 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया और खूब वाहवाही बटोरी। इस फ़िल्म का बजट 40 करोड़ से अधिक था पर फ़िल्म का माहौल चकाचौंध और भव्यता से परे था।
40 करोड़ से कम लागत में बनी फ़िल्म कंगना रनौत की 'तनु बेड्स मनु' ने देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में धमाल मचा दिया। इस फ़िल्म ने देशभर में 150 करोड़ रूपये और विभिन्न देशो में 100 करोड़ से अधिक का कारोबार किया। यह साल 2015 की पहली सुपरहिट फ़िल्म रही। इसके आलावा 'प्यार का पंचनामा 2' ने 65 करोड़ अधिक का कारोबार किया,  इसकी लागत भी महज 12 करोड़ रूपये थी। इसी तरह  से केवल 13 करोड़ में बनी 'हेट स्टोरी 3' ने करीब 60 करोड़ का बिजिनेस का सुपरहिट का तमगा पाया।
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सराहने के साथ-साथ सम्‍मानित हुई फिल्‍में :  अगर इसके आलावा दूसरे भाग के तहत बात करें तो बेहद कसे हुए बजट (3-4 करोड़ या इससे अधिक) में बनी फ़िल्में जैसे 'मसान' ,'तितली','धनक','परचेड','तितली','किला','किस्सा' सरीखी फिल्मों को देश विदेश के फिल्म समारोहों में सम्मानित किया गया। इनमें से कई फिल्मों ने मुनाफे के साथ-साथ दर्शकों का दिल भी जीत लिया, जिसमें कनु बहल द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'तितली' ने दर्शकों के बीच अपनी एक अलग ही पहचान बनाई। अगर इन दोनों तरह की फिल्मों को मिलाकर देखा जाए, तो इस साल बॉलीवुड में ऐसे सिनेमा को लोगों ने खासा पसंद किया, जो विषय केंद्रित तो था ही साथ उसका प्रस्तुतीकरण भी सराहनीय रहा।
ये पहला मौक़ा था जब किसी दक्षिण भारतीय फ़िल्म बाहुबलि ने हिंदी भाषा के डब वर्जन से न केवल 50 करोड़ रूपये रिकॉर्ड समय में बटोरे, बल्कि 100 करोड़ बटोरकर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया। करीब 120 करोड़ में बनी इस फ़िल्म ने देश विदेश में 600 करोड़ रूपये से अधिक  बटोरे। इसका दूसरा भाग अगले साल रिलीज होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस फ़िल्म में प्रयोग किए गए स्पेशल इफेक्टस ने तो इसको हॉलीवुड के करीब लाकर खड़ा कर दिया।
अब देखना दिलचस्प होगा की अगले साल कौन कौन सी फ़िल्में अपने विषयवस्तु और प्रस्तुतीकरण से दर्शको का दिल जीतेंगी। 

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