वरुण गांधी हो सकते हैं भाजपा से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार !
🏼 अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव हैं जिसकी तपिश प्रदेश में अभी से दस्तक देने लगी है और सभी पार्टियों ने लगभग अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे सामने ला दिए हैं पर भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक चेहरे से पर्दा नही उठाया है । आज चुनावी ठप्पा के इस भाग में हम कोशिश करेंगे उन सभी संभावानाओं को तलाशने की जिससे ये समझा जा सके आखिर आने वाले चुनाव में पार्टी किस चेहरे पर अपना दांव खेल सकती है ।
अगर भाजपा यूपी में आने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री पद के लिए स्मृति ईरानी को अपना चेहरा बनाती है तो परिणाम दिल्ली जैसे होंगे और हाल बिहार जैसे । क्योंकि स्मृति ईरानी यूपी के लिए अभी भी एक नया सियासी चेहरा ही होंगी लेकिन कुछ लोगो का कहना है की अगर स्मृति ईरानी को आगे किया जाये तो महिलाओं के वोट बैंक में सबसे ज्यादा सेंध लगाई जा सकती है और यूपी की बाजी मारी जा सकती है पर क्या यूपी में केवल महिलाएं ही सियासत की कुर्सी तक किसी भी पार्टी को पहुंचा देंगी ऐसा मुमकिन नही लगता है । क्योंकि ऐसी स्थिति में दूसरी महिला उम्मीदवार खुद बसपा सुप्रीमों मायावती ही होंगी जिन्हें भी ये बात भलीभांति पता है की अकेले महिला वोट ही जीत नही दिला सकते । स्मृति ईरानी के आने से चुनावी मैदान में दो महिलाएं आमने सामने होंगी ।जिसमें एक हाथी पे सवार मायावती होंगी जिनकी स्थिति स्मृति ईरानी से काफी मजबूत है क्योंकि उनके पास अपना फिक्स वोट बैंक है ।
वही दूसरी ओर अगर हम भाजपा के दूसरे संभावित चेहरे की बात करें तो योगी आदित्यनाथ की छवि ही उनका मुख्यमंत्री पद का टिकट काट रही है और पार्टी भी उनके नाम को लेकर भ्रम की स्थिति में है क्योंकि योगी जी को लेकर पूर्वांचल तो एक नजर आता है पर बाकी का हाल वैसा नही है । फिर योगी जी की छवि अभी तक के प्रचार प्रसार से एक सांप्रदायिक नेता की होती जा रही है जो की उनके ही गले की फ़ांस बनती जा रही है । वैसे योगी जी के चुनावी प्रचार प्रसार में कोई कमी नही है । योगी आदित्यनाथ के सामने खुद राजनाथ सिंह अपने सुपुत्र पंकज सिंह के साथ खड़े नजर आ रहे हैं जिसके कारण पार्टी भी असमंजस की स्थिति में है की आखिर किस पर दांव खेला जाये ।
यूपी के चुनावों में भाजपा की तरफ से इस समय एक चेहरा सबसे मजबूत स्थिति में है लेकिन जिसे लेकर पार्टी के बड़े नेताओं में एक राय नही है । ऐसे में अगर पार्टी वरुण गांधी पर अपना दांव खेलती है तो परिणाम 2014 की लहर जैसे होंगे जिसमें युवाओं का पूरा सहयोग वरुण गांधी को बहुमत के साथ मिल सकता है । बदलते समय के साथ वरुण गांधी ने अपने व्यक्तित्व में काफी सुधारात्मक परिवर्तन किये है और बड़ी तेजी के साथ उन्होंने युवाओं से एक अच्छा संवाद स्थापित किया है जिसने उन्हें सभी संभावित उम्मीदवारों से एक कदम आग लेकर खड़ा कर दिया है । लेकिन अगर पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री पद के लिए जातीय समीकण को महत्ता देती है तो फिर कुछ भी कहना मुश्किल है की कौन होगा पार्टी का नया सेनापति! ऐसे में कोई ऐसा चेहरा भी सामने लाया जा सकता है जिसके ऊपर यूपी में शायद ही कोई किसी प्रकार का आरोप लगा सके !
बहरहाल ये तो अगले कुछ महीनों में तय हो जायेगा की पार्टी किस नाम पर आम सहमति बना पाती है । लेकिन यूपी के इस चुनावी महासंग्राम में पार्टी को अगर जीत हासिल करनी है तो एक मजबूत चेहरे के साथ उतरना होगा नही तो परिणाम उलटे भी हो सकते हैं ।
पोस्ट कॉपीराइट √
अनुज हनुमत 'सत्यार्थी'©
अनुज हनुमत 'सत्यार्थी'©
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