भारतीय नववर्ष प्रारंभ, परंपरा में सृष्टि का आरंभ दिवस, वैदिक कालगणना में बीते अब तक एक करोड़ वर्ष..!
आज चैत्र प्रतिपदा है। आज से भारतीय नव वर्ष प्रारंभ हो जाएगा। हमने विक्रमी संवत् 2073 को अलविदा कह नये वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। आज से महीने की शुरुआत तो ही रही है, साथ ही नवदुर्गा की भी शुरुआत हो रही है।
भारतीय नववर्ष का पहला दिन यानी सृष्टि का आरम्भ दिवस, युगाब्द और विक्रम संवत् जैसे प्राचीन संवत का प्रथम दिन, श्रीराम एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक दिवस, मां दुर्गा की साधना चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस, आर्य समाज का स्थापना दिवस, संत झूलेलाल जयंती, आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के संस्थापक, प्रखर देशभक्त डॉ केशवराव हेडगेवार जी जन्मदिवस।
वास्तव में ये वर्ष का सबसे श्रेष्ठ दिवस है। हिन्दू नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टिनिर्माण प्रारम्भ किया था, इसलिए यह सृष्टि का प्रथम दिन है। इसकी काल गणना बड़ी प्रचीन है। सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 111 वर्ष बीत चुके हैं।
यह गणना ज्योतिष विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे है। अपने देश में कई प्रकार की कालगणना की जाती है जैसे- युगाब्द (कलियुग का प्रारम्भ), श्री कृष्णच संवत्, शक संवत् आदि हैं।
हिन्दु शास्त्रानुसार इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारम्भ गणितीय और खगोलशास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है। प्रतिपदा हमारे लिये क्यों महत्वपूर्ण है, इसके सामाजिक एवं ऐतिहासिक सन्दर्भ हैं-
इसी तिथि को रेवती नक्षत्र में विष्कुम्भ योग में दिन के समय भगवान के आदि अवतार मत्स्य रूप का प्रादुभाव भी माना जाता है।
युगों में प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ भी इसी तिथि को हुआ था.
मर्यादा पुरूषोत्ततम श्रीराम का राज्याभिषेक।
मां दुर्गा की उपासना का नवरात्र व्रत प्रारम्भ
युगाब्द (युधिष्ठिनर संवत्) का आरम्भ
उज्जयिनी सम्राट- विक्रामादित्य द्वारा विक्रमी संवत् प्रारम्भ।
शालिवाहन शक् संवत्
महर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना।
किसानो के लिए यह नव वर्ष के प्रारम्भ का शुभ दिन माना जाता है। इस तरह हम देखते हैं कि चैत्र प्रतिपदा का यह पहला दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। आप सभी को नववर्ष की शुभ और मंगलकामनाएं।
भारतीय नववर्ष का पहला दिन यानी सृष्टि का आरम्भ दिवस, युगाब्द और विक्रम संवत् जैसे प्राचीन संवत का प्रथम दिन, श्रीराम एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक दिवस, मां दुर्गा की साधना चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस, आर्य समाज का स्थापना दिवस, संत झूलेलाल जयंती, आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के संस्थापक, प्रखर देशभक्त डॉ केशवराव हेडगेवार जी जन्मदिवस।
वास्तव में ये वर्ष का सबसे श्रेष्ठ दिवस है। हिन्दू नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टिनिर्माण प्रारम्भ किया था, इसलिए यह सृष्टि का प्रथम दिन है। इसकी काल गणना बड़ी प्रचीन है। सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 111 वर्ष बीत चुके हैं।
यह गणना ज्योतिष विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे है। अपने देश में कई प्रकार की कालगणना की जाती है जैसे- युगाब्द (कलियुग का प्रारम्भ), श्री कृष्णच संवत्, शक संवत् आदि हैं।
हिन्दु शास्त्रानुसार इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारम्भ गणितीय और खगोलशास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है। प्रतिपदा हमारे लिये क्यों महत्वपूर्ण है, इसके सामाजिक एवं ऐतिहासिक सन्दर्भ हैं-
इसी तिथि को रेवती नक्षत्र में विष्कुम्भ योग में दिन के समय भगवान के आदि अवतार मत्स्य रूप का प्रादुभाव भी माना जाता है।
युगों में प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ भी इसी तिथि को हुआ था.
मर्यादा पुरूषोत्ततम श्रीराम का राज्याभिषेक।
मां दुर्गा की उपासना का नवरात्र व्रत प्रारम्भ
युगाब्द (युधिष्ठिनर संवत्) का आरम्भ
उज्जयिनी सम्राट- विक्रामादित्य द्वारा विक्रमी संवत् प्रारम्भ।
शालिवाहन शक् संवत्
महर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना।
किसानो के लिए यह नव वर्ष के प्रारम्भ का शुभ दिन माना जाता है। इस तरह हम देखते हैं कि चैत्र प्रतिपदा का यह पहला दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। आप सभी को नववर्ष की शुभ और मंगलकामनाएं।
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