खत उस ईश्वर के नाम, जिसने दुनिया को बनाया..
®प्रार्थना पत्र®
सेवा में ,
श्रीमान् परमपिता परमेश्वर,
श्रीमान् परमपिता परमेश्वर,
हे ईश्वर ,
आज मन बहुत दुखित है इसलिए आपको ये पत्र प्रेषित कर रहा हूँ । आशा है आप इसे जरूर पढ़ेंगे । हर बार मौसम की मार किसानों के पेट पर ही क्यों ? जो पसीने की कमाई खाता है / जो जी-तोड़ मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है आखिर उस माटी के लाल का जीवन ही अन्धकारमय करके आपको कौन सी खुशी मिलती है ? आप इस पूरी सृष्टि के रचयिता हैं इसी कारण आपको 'परम पिता परमेश्वर' के नाम से भी जाना जाता है ।आप ही हमारे पालनहार हैं,चलो मान लिया की कुछ पापियों द्वारा इस सुंदर सी धरा को प्रदूषित किया जा रहा है जिससे पूरी सृष्टि के पिता होने के नाते आपका मन दुखित है और आप क्रोधित हैं पर आखिर किसानों से आपकी क्या दुश्मनी ? मैंने हमेशा अपने पूर्वजों से यही सुना था की किसान आपके सबसे प्रिय पुत्रों में से एक हैं पर कभी बेमौसम बरसात तो कभी आंधी तूफ़ान और ओले ! इन सभी से केवल किसान ही प्रभावित क्यों होता है । अगर आपको क्रोध दिखाना ही है तो उन पापियों के ऊपर दिखाइये जो जंगलो के कटान के लिए जिम्मेदार हैं ! जो प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार है ! जो लगातार भ्रस्टाचार में संलिप्त हैं । जो समाज को प्रदूषित कर रहे हैं ^ ............
आज मन बहुत दुखित है इसलिए आपको ये पत्र प्रेषित कर रहा हूँ । आशा है आप इसे जरूर पढ़ेंगे । हर बार मौसम की मार किसानों के पेट पर ही क्यों ? जो पसीने की कमाई खाता है / जो जी-तोड़ मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है आखिर उस माटी के लाल का जीवन ही अन्धकारमय करके आपको कौन सी खुशी मिलती है ? आप इस पूरी सृष्टि के रचयिता हैं इसी कारण आपको 'परम पिता परमेश्वर' के नाम से भी जाना जाता है ।आप ही हमारे पालनहार हैं,चलो मान लिया की कुछ पापियों द्वारा इस सुंदर सी धरा को प्रदूषित किया जा रहा है जिससे पूरी सृष्टि के पिता होने के नाते आपका मन दुखित है और आप क्रोधित हैं पर आखिर किसानों से आपकी क्या दुश्मनी ? मैंने हमेशा अपने पूर्वजों से यही सुना था की किसान आपके सबसे प्रिय पुत्रों में से एक हैं पर कभी बेमौसम बरसात तो कभी आंधी तूफ़ान और ओले ! इन सभी से केवल किसान ही प्रभावित क्यों होता है । अगर आपको क्रोध दिखाना ही है तो उन पापियों के ऊपर दिखाइये जो जंगलो के कटान के लिए जिम्मेदार हैं ! जो प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार है ! जो लगातार भ्रस्टाचार में संलिप्त हैं । जो समाज को प्रदूषित कर रहे हैं ^ ............
आपने कुछ वर्ष पूर्व केदारनाथ धाम में अपना क्रोध दिखाया था जिसमें ज्यादातर गरीब ही प्रभावित हुए । इन सब घटनाओं के इतर मुझे विश्वास है की आप इन सभी बातों पर गौर करेंगे क्योंकि आप हमारे अभिभावक हैं । भगवन आशा ही नही वरन् पूर्ण विश्वास है आप अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करेंगे .......
दिनांक -14/03/2106
आपका प्रिय
अनुजहनुमत
दिनांक -14/03/2106
SAHI STHIT HAI ---SAMADHAAN KAUN BAN SAKATA HAI -IS PAR VICHAR HO
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