क्या भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में भाजपा के दशकों पुराने सियासी वनवास को खत्म कर पाएंगे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय !
चित्रकूट (ऊप्र) / आखिरकार भाजपा ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी करते हुए बुन्देलखण्ड में भी अब तक 16 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं । जिसमे सबसे अहम बांदा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें थी । कल जारी लिस्ट में सबसे अहम कर्वी ,बांदा, नरैनी सीटों पर भी पार्टी ने अपनी तस्वीर स्पष्ट कर दी है । पिछले कई दशकों से चित्रकूट में वनवास काट रही पार्टी ने पिछला चुनाव हारे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को अपना उम्मीदवार घोषित करके सबको चौंका दिया है। खास बात ये है कि चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय एक बार और इसी विधानसभा से पार्टी के उम्मीदवार रह चुके हैं और उन्होंने खासा प्रभावित भी किया था क्योंकि उस समय भाजपा का क्षेत्र में कोई खास जनाधार नही बचा था ।
आपको बता दें कि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने वर्ष 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह 32507 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे। जिसको भी पार्टी ने ध्यान में रखकर उन्हें एक बार फिर मौक़ा दिया है ।
कर्वी विधानसभा में अगर अन्य पार्टियों की बात करें तो समाजवादी पार्टी से दस्यु ददुआ के पुत्र व पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल और बसपा से जगदीश गौतम पहले से ही मैदान में हैं । अगर वीर सिंह पटेल की बात करें तो वो पिछली विधानसभा में विधायक थे और उन्हें पटेल बिरादरी का अच्छा सपोर्ट है क्योंकि अगर इस विधानसभा के सियासी समीकरण की बात करें तो यह पटेल बाहुल्य क्षेत्र है जिस कारण पिछले कई दशक से लगातार पटेल उम्मीदवार ही जीतते रहें हैं लेकिन इस बार मुख्य टक्कर दो ब्राह्मण और एक पटेल उम्मीदवार में है ।
अगर ब्राह्मण वोटों की बात कर तो बसपा उम्मीदवार जगदीश प्रसाद गौतम और भाजपा उम्म्मीद्वार चन्द्रिका उपाध्याय के बीच कड़ी टक्कर रहने की संभावना है लेकिन जानकरों की मानें तो कहीं न कहीं चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय का पलड़ा भारी दिख रहा है । देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी का कौन सा सियासी समीकरण सटीक निशाने पर बैठेगा । फिलहाल चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय को टिकट मिलने पर कार्यकर्ताओ में खुशी का माहौल है ।
गौरतलब हो कि चित्रकूट सीट से चंद्रिका प्रसाद के अलावा रणवीर सिंह चौहान, प्रदेश सचिव रंजना उपाध्याय, शिवशंकर सिंह, मान सिंह पटेल व राजीव तिवारी टिकट की दौड़ में थे लेकिन सभी को दरकिनार करते हुए पार्टी ने चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को मौक़ा दिया ।
वहीं अगर बुन्देलखण्ड की सबसे सवेंदनशील सीट मऊ - मानिकपुर की बात करें तो पार्टी ने दूसरी लिस्ट में भी अभी तक उम्मीदवार घोषित नही किया है । पाठा के इस दस्यु प्रभावित सीट पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। यहां से किसी नाम की घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो मऊ मानिकपुर और बबेरू सीट अपना दल के खाते में जा सकती है ।
वैसे बुन्देलखण्ड की सियासत गत दिनों पूर्व सांसद आरके पटेल के बसपा छोड़ भाजपा में शामिल होने से भी बहुत गर्म हो गई थी । कहा जा रहा था कि कर्वी विधानसभा क्षेत्र से उनका टिकट कंफर्म है लेकिन इस चर्चा के सामने आने के बाद से जिले के तमाम भाजपा नेता भी नाखुश होने थे लेकिन रविवार की शाम जब प्रत्याशियों की सूची जारी हुई तो उसमें चंद्रिका प्रसाद का नाम आने से लोगों में एक बार फिर जोश आ गया है क्योंकि उन्होंने पार्टी के लिए काफी संघर्ष किया है। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें किसानों के लिए लगातार किये अनशन और पदयात्रा के रूप में संघर्ष का फल मिला है ।
आपको बता दें कि बांदा से पार्टी ने प्रकाश द्विवेदी , नरैनी से राजकरन कबीर ,तिंदवारी से ब्रजेश प्रजापति पर अपना दांव लगाया है । बहरहाल बुन्देलखण्ड में अभी तक घोषित उम्मीदवारों के नाम पर यहाँ के कार्यकर्ताओ में किसी तरह का बड़ा विरोध नही देखा जा रहा है । लेकिन प्रदेश के अन्य भागों में पार्टी का खासकर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का जमकर विरोध किया जा रहा है ।
रिपोर्ट - अनुज हनुमत
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