Banda-Chitrakoot : क्यों खामोश हैं जनता ? कोई बड़ा परिवर्तन या फिर वापस वही लहर !
Banda Chitrakoot ऐसा पहली बार देख रहा हु की लोकसभा का चुनाव ,बुन्देलखण्ड की इस सीट पर खामोश रुख अख्तियार किये हुए है । जनता की ये खामोशी किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही है । प्रत्याशियों द्वारा प्रचार करने का भी ज्यादा असर वोटर्स के मूड को बदल नहीं पा रहा है । इस बार मूलभूत समस्यायों को लेकर ग्रामीण इलाकों में सियासी दलों और उनके नुमाइंदों के प्रति जनाक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है । एक के बाद एक तमाम गांव अपनी समस्यायों को लेकर वोट बहिष्कार का निर्णय ले रहे हैं । इस तरह के गांवो की संख्या पाठा में अधिक है । ऐसे में बाँदा चित्रकूट संसदीय सीट के चुनाव में पाठा क्षेत्र महती भूमिका निभा सकता है । फिलहाल इस क्षेत्र में न तो भाजपा ,न तो गठबंधन और न ही कांग्रेस का मजबूत जनसम्पर्क दिख रहा है । चुनाव से पहले यहां के कई मुद्दे अपनी जड़ें जमा चुके थे लेकिन सियासी दलों ने जातिगत समीकरणों में उलझा कर इस चुनाव से जनता से सरोकार रखने वाले हर मुद्दों की हवा निकाल दी । पेयजल की समस्या , पलायन का मुद्दा, रोजगार की समस्या , शिक्षा की बदहाल व्यवस्था , पर्यटन की मुख्य धारा से जोड़ने का मुद्